खुली आँखों का दुख

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एक निहायत मामूली-सी नौकरी में गुजर-बसर करने वाला मेरा यह दोस्‍त पिछले कई महीनों से मुझे ढोता चला आ रहा था। उसके चेहरे पर या शब्‍दों में कभी कोई मुखर शिकायत ...

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